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ToggleCause of pollution in delhi, GRAP-3, GRAP-4 क्या है जाने सम्पूर्ण जानकारी.
दिल्ली में प्रदूषण के कारण: GRAP-3 और GRAP-4 की भूमिका
दिल्ली, भारत की राजधानी, पिछले कुछ सालों से प्रदूषण के मामले में एक गंभीर संकट का सामना कर रही है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। दिल्ली सरकार और पर्यावरण मंत्रालय ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) एक महत्वपूर्ण योजना है। इस लेख में हम दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों, GRAP-3 और GRAP-4 के महत्व और प्रदूषण के स्तर पर चर्चा करेंगे।
दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख कारण (Major causes of pollution in Delhi)
दिल्ली में प्रदूषण के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं जो नीचे दिए गए हैं
- वाहनों से उत्सर्जन: दिल्ली की सड़कों पर लाखों वाहन रोज चलते हैं, जिनसे निकली धूल और धुएं से वायु प्रदूषण बढ़ता है। पेट्रोल और डीज़ल इंजन वाले वाहनों से निकली जहरीली गैसें, जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM), प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
- पराली जलाना: दिल्ली के आसपास के राज्यों जैसे पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की प्रथा भी वायु प्रदूषण का बड़ा कारण है। जब किसान खेतों में पराली जलाते हैं, तो उससे उत्पन्न धुआं हवा में घुल जाता है और दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बिगाड़ देता है।
- निर्माण कार्य: दिल्ली में तेजी से हो रहे निर्माण कार्यों के दौरान उड़ी धूल भी वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारक है। निर्माण स्थलों पर उड़ी हुई धूल से PM 2.5 और PM 10 का स्तर बढ़ जाता है।
- औद्योगिक उत्सर्जन: दिल्ली और इसके आसपास स्थित कई उद्योगों से निकलने वाला धुआं और रसायन भी वायु गुणवत्ता को खराब करते हैं। इन उद्योगों से निकले हानिकारक गैसें और केमिकल्स वातावरण में मिलकर प्रदूषण बढ़ाते हैं।
- घरेलू बायोमास जलाना: गरीब इलाकों में आज भी खाना बनाने के लिए लकड़ी और गोबर के उपलों का प्रयोग किया जाता है, जिससे निकला धुआं वायु को प्रदूषित करता है।
क्या है GRAP और इसका उद्देश्य?What is GRAP and its purpose?
GRAP (Graded Response Action Plan), जिसे हिंदी में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान कहा जाता है, दिल्ली में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार द्वारा लागू किया गया एक व्यापक कदम है। इसे 2016 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूरी दी गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रण में लाना है। GRAP के तहत दिल्ली में प्रदूषण स्तर के आधार पर अलग-अलग चरणों में कदम उठाए जाते हैं।
GRAP के मुख्य चरण
GRAP को प्रदूषण के अलग-अलग स्तरों पर लागू किया जाता है, जिन्हें निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा गया है:
- GRAP-1: जब वायु गुणवत्ता “मध्यम” या “संतोषजनक” होती है, तब यह चरण लागू होता है।
- GRAP-2: जब वायु गुणवत्ता “खराब” या “बहुत खराब” होती है।
- GRAP-3: जब वायु गुणवत्ता “अत्यधिक खराब” हो जाती है।
- GRAP-4: जब वायु गुणवत्ता “आपातकालीन” स्थिति में पहुँच जाती है।
GRAP-3 के अंतर्गत उठाए गए कदम
GRAP-3 तब लागू होता है जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 401 से 450 के बीच होता है। इस दौरान प्रदूषण को कम करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाते हैं:
- निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध: सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ के कार्यों पर पूर्ण रूप से रोक लगाई जाती है ताकि धूल कणों को हवा में फैलने से रोका जा सके।
- वाहनों पर नियंत्रण: पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगाई जाती है और आवश्यक सेवाओं के अलावा ट्रकों की आवाजाही को सीमित किया जाता है।
- वैकल्पिक दिन वाहनों की योजना: ऑड-ईवन जैसी योजनाओं को लागू करने पर विचार किया जाता है ताकि सड़क पर वाहनों की संख्या कम की जा सके।
- कचरा जलाने पर रोक: खुले में कचरा और पत्तियां जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाता है ताकि धुआं वातावरण में न फैले।
GRAP-4 के अंतर्गत आपातकालीन कदम
GRAP-4 तब लागू होता है जब AQI 450 से ऊपर चला जाता है और इसे प्रदूषण की “आपातकालीन” स्थिति माना जाता है। इस स्थिति में सरकार द्वारा कुछ सख्त कदम उठाए जाते हैं:
- स्कूल बंद करना: बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए जाते हैं।
- वाहन प्रतिबंध: सभी गैर-आवश्यक वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है और आवश्यक सेवाओं के वाहनों को छोड़कर ट्रकों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाई जाती है।
- फैक्ट्रियों पर रोक: जिन उद्योगों से प्रदूषण होता है, उन्हें अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाता है।
- धूल को नियंत्रित करने के उपाय: शहर में पानी का छिड़काव किया जाता है ताकि धूल के कण हवा में न फैलें।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर और इसका असर क्या होगा(What will be the level of pollution in Delhi and its impact?)
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर सर्दियों के मौसम में खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। आमतौर पर अक्टूबर से जनवरी के बीच यह स्तर “बहुत खराब” से “आपातकालीन” स्थिति तक पहुँच जाता है। 2023 में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर निम्नलिखित था:
What is AQI in Delhi God or bad
- अक्टूबर 2023: AQI 350-400 (बहुत खराब)
- नवंबर 2023: AQI 400-450 (अत्यधिक खराब)
- दिसंबर 2023: AQI 450+ (आपातकालीन)
प्रदूषण का स्तर बढ़ने से सांस लेने में दिक्कत, एलर्जी, अस्थमा और दिल के रोग जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति बहुत खतरनाक होती है।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार ने क्या क्या कदम उठाए जाने
दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से GRAP, वाहनों के लिए BS-6 मानक, इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रमोशन, मेट्रो सेवाओं का विस्तार और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के उपाय शामिल हैं।
Delhi Air Pollution: Real-time Air Quality Index (AQI)
What is AQI in Delhi today?
current | max | |
---|---|---|
PM2.5 AQI | 542 | 542 |
PM10 AQI | 876 | 876 |
O3 AQI | 0 | 37 |
NO2 AQI | 9 | 17 |
FAQs
दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
दिल्ली में वाहनों से निकली धूल, पराली जलाना, निर्माण कार्य और औद्योगिक उत्सर्जन प्रदूषण के मुख्य कारण हैं।
GRAP का उद्देश्य क्या है?
GRAP का उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करना और विभिन्न चरणों में प्रदूषण को कम करने के लिए कदम उठाना है।
GRAP-3 और GRAP-4 में क्या अंतर है?
GRAP-3 तब लागू होता है जब AQI 401-450 के बीच होता है, जबकि GRAP-4 तब लागू होता है जब AQI 450 से ऊपर पहुँच जाता है और इसे आपातकालीन स्थिति माना जाता है।
GRAP-4 में कौन से आपातकालीन कदम उठाए जाते हैं?
GRAP-4 में स्कूल बंद करना, वाहनों पर प्रतिबंध, फैक्ट्रियों को बंद करना और धूल को नियंत्रित करने के लिए पानी का छिड़काव जैसे सख्त कदम उठाए जाते हैं।
क्या GRAP दिल्ली के प्रदूषण को कम करने में सफल रहा है?
GRAP से प्रदूषण को नियंत्रित करने में कुछ हद तक सफलता मिली है, लेकिन यह तभी कारगर होता है जब सभी नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
क्या GRAP के तहत वाहन प्रतिबंध लगाए जाते हैं?
हां, GRAP-3 और GRAP-4 के तहत वाहनों की आवाजाही पर कई प्रतिबंध लगाए जाते हैं, खासकर डीजल वाहनों पर।
निष्कर्ष
दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या है, लेकिन GRAP जैसे योजनाओं से इसे कम करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, इसके सफल होने के लिए सरकार, उद्योगों और जनता का संयुक्त प्रयास आवश्यक है। प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हमें व्यक्तिगत रूप से भी सतर्क रहना होगा और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी .
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