chhat puja,छठ पूजा2024|महत्व, विधि – Latest

Chhat puja
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp

छठ पूजा(chhat puja)2024: महत्व, विधि और इसका सांस्कृतिक महत्व

छठ पूजा का अर्थ
छठ पूजा हिंदू धर्म का एक विशेष पर्व है जो सूर्य भगवान और छठी मैया की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा के दौरान व्रती लोग चार दिनों तक सूर्य भगवान को अर्घ्य अर्पित कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस पर्व का महत्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी है क्योंकि इस पूजा में नदियों, तालाबों और जल स्त्रोतों का महत्त्व होता है।

छठ पूजा (chhat puja)2024 का समय और तिथि

साल 2024 में छठ पूजा 7 नवंबर से 10 नवंबर तक मनाई जाएगी।

  • नहाय खाय (प्रथम दिन): 7 नवंबर 2024
  • खरना (द्वितीय दिन): 8 नवंबर 2024
  • संध्या अर्घ्य (तीसरे दिन): 9 नवंबर 2024
  • उषा अर्घ्य (चौथे दिन): 10 नवंबर 2024

छठ पूजा(chhat puja)का महत्व

छठ पूजा का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष है क्योंकि यह पूजा सूर्य देव और छठी मैया के प्रति श्रद्धा और आभार प्रकट करने के लिए की जाती है। सूर्य भगवान को जीवन का स्रोत माना गया है, और उनकी उपासना से स्वास्थ्य, सुख, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। छठ पूजा का उद्देश्य जीवन में सकारात्मकता और शुद्धता को बढ़ावा देना है।

छठ पूजा(chhat puja)और छठी मैया का संबंध
ऐसा माना जाता है कि छठी मैया भगवान सूर्य की बहन हैं और उनकी कृपा से ही जीवन में संतान सुख और परिवार की सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। इसीलिए महिलाएं संतान सुख की कामना के लिए छठ पूजा का व्रत करती हैं।

छठ पूजा(chhat puja)विधि: संपूर्ण प्रक्रिया और अनुष्ठान

नहाय-खाय (प्रथम दिन)

पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है। इस दिन व्रती घर की सफाई करके पवित्रता का पालन करते हैं। इसके बाद शुद्ध जल में स्नान कर भोजन ग्रहण किया जाता है। भोजन में कद्दू-भात, चने की दाल, और शुद्ध घी का प्रयोग किया जाता है। यह शुद्ध और सात्विक भोजन के माध्यम से व्रत की शुरुआत का प्रतीक है।

खरना (द्वितीय दिन)

दूसरे दिन को खरना के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती दिनभर का निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को विशेष प्रसाद जैसे गुड़ की खीर, रोटी, और फल का सेवन करते हैं। खरना के प्रसाद को बेहद पवित्र माना जाता है और इसे ग्रहण करने के बाद व्रती पुनः निर्जला व्रत का संकल्प लेते हैं।

संध्या अर्घ्य (तीसरे दिन)

तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का विधान होता है। इस दिन व्रती घाट पर जाकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस अनुष्ठान में विशेष रूप से बांस की टोकरियों में फलों, मिठाईयों, गन्ना, और दीप जलाकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है। संध्या अर्घ्य का महत्व सूर्य भगवान को शाम के समय अर्घ्य देने से जुड़ा है, जो जीवन में ऊर्जा और उन्नति का प्रतीक है।

उषा अर्घ्य (चौथे दिन)

चौथे और अंतिम दिन व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस अर्घ्य को उषा अर्घ्य कहते हैं। सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती अपना व्रत तोड़ते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दिन का महत्व नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक है, जैसे सूरज उगने के साथ एक नई सुबह की शुरुआत होती है।

छठ पूजा(chhat puja)में रखी जाने वाली सावधानियाँ

  1. व्रत के दौरान मन और शरीर की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
  2. छठ पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री शुद्ध और ताज़ा होनी चाहिए।
  3. व्रती को पूरी पूजा विधि के दौरान संयम और शुद्धता का पालन करना चाहिए।
  4. पानी में डुबकी लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर ठंड के मौसम में।

छठ पूजा(chhat puja)से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • छठ पूजा(chhat puja)का उल्लेख महाभारत में मिलता है, जहाँ द्रौपदी और पांडवों ने इस पूजा को संपन्न किया था।
  • छठ पूजा(chhat puja)केवल उत्तर भारत ही नहीं, बल्कि नेपाल, म्यांमार, और मॉरीशस में भी मनाई जाती है।
  • इस पर्व के दौरान बिना किसी मूर्ति की पूजा की जाती है, केवल सूर्य और प्रकृति की उपासना होती है।

छठ पूजा(chhat puja)की कहानी
छठ पूजा की प्राचीन कथाओं में से एक महाभारत काल से संबंधित है। कहा जाता है कि जब पांडव अपना राज्य हार गए थे, तब द्रौपदी ने छठी मैया की आराधना की थी। उनकी श्रद्धा और तपस्या के कारण पांडवों को उनका राज्य वापस मिला। इसी तरह, सूर्य देवता की उपासना से जुड़ी एक अन्य पौराणिक कथा राजा प्रियव्रत और उनकी पत्नी मालिनी से जुड़ी हुई है। उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए सूर्य देवता की पूजा की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें संतान सुख प्राप्त हुआ।

ये कथाएं छठ पूजा की प्राचीनता और इसे मनाने के धार्मिक महत्व को रेखांकित करती हैं। भक्तों का मानना है कि छठ पूजा न केवल मनोकामनाओं को पूर्ण करती है, बल्कि जीवन में सुख और शांति भी लाती है।

छठ पूजा(chhat puja)के लाभ और आध्यात्मिक प्रभाव

छठ पूजा का लाभ शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक रूप से महसूस किया जा सकता है। चार दिनों तक इस पूजा में किए गए उपवास और शुद्धता से शरीर का शुद्धिकरण होता है। सूर्य भगवान की उपासना से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे मानसिक और आध्यात्मिक लाभ होते हैं।

छठ पूजा कहां मनाई जाती है?
छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाई जाती है। हाल के वर्षों में, प्रवासी भारतीयों के कारण यह त्योहार दिल्ली, मुंबई और यहां तक कि विदेशों में भी धूमधाम से मनाया जाता है। बड़ी संख्या में लोग इसे सामूहिक रूप से नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों के किनारे पर मनाते हैं, जिससे पूजा का दृश्य अत्यंत भव्य और अलौकिक लगता है।

FAQs

छठ पूजा (chhat puja) में कौन-से प्रमुख अनुष्ठान होते हैं?
छठ पूजा के प्रमुख अनुष्ठान नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य, और उषा अर्घ्य हैं।

छठ पूजा के दौरान किस प्रकार का व्रत रखा जाता है?
इस पूजा में व्रती दिनभर निर्जला व्रत रखते हैं और विशेष विधि से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।

छठ पूजा का प्रसाद क्या होता है?
छठ पूजा के प्रसाद में ठेकुआ, गुड़ की खीर, फल, और विशेष रूप से गन्ना शामिल होते हैं।

क्या छठ पूजा केवल महिलाओं द्वारा ही की जाती है?
नहीं, यह व्रत पुरुष और महिलाएं दोनों कर सकते हैं, लेकिन इसे अधिकतर महिलाएं संतान सुख और परिवार की सुरक्षा के लिए करती हैं।

छठ पूजा के दौरान किन चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए?
पूजा के दौरान शुद्धता, संयम, और प्राकृतिक स्रोतों के प्रति आदर रखना अनिवार्य है। साथ ही, प्रसाद को शुद्ध और ताजे सामान से बनाना चाहिए।

छठ पूजा का क्या वैज्ञानिक महत्व है?
छठ पूजा में सूर्य के प्रकाश और ऊर्जा का विशेष महत्व है, जो हमारे शरीर और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना गया है।

निष्कर्ष:
छठ पूजा 2024 का यह पावन पर्व न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि समाज में पवित्रता, एकता, और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना का प्रतीक है। यह पर्व हमें प्रकृति और जीवन के प्रति हमारे आभार को प्रदर्शित करने का अवसर देता है।

Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
Picture of mots5018121@gmail.com

mots5018121@gmail.com

Leave a Comment

Top Stories

COP29

COP29 in Azerbaijan Global Climate Summit 2024 |Famous

क्या आप जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ दुनिया के नेता एक साथ क्या करेंगे? COP29 in Azerbaijan: Global Climate Summit 2024 की राजधानी

Bryan Johnson

Bryan Johnson|उम्र को पलटने की कोशिश में एक अनोखा मिशन| Famous 2024

बायोन जॉनसन: एक नई उम्र के तकनीकी क्रांतिकारी परिचयबायोन जॉनसन (Bryan Johnson) तकनीकी उद्योग के एक प्रतिष्ठित नाम हैं, जो न केवल एक सफल उद्यमी

Rafael nadal | एक महान टेनिस खिलाड़ी और उनकी अद्वितीय विरासत | Famous 2024

Rafael nadal टेनिस की दुनिया के सबसे प्रसिद्ध और प्रशंसित खिलाड़ियों में से एक हैं। उनकी अविश्वसनीय उपलब्धियां, खेल भावना, और कभी न हार मानने