IND vs ENG : भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मचों का मुकाबला आज से शुरू हो रहा है. इस सीरिज के माध्यम से शुभमन गिल अपने टेस्ट करियर का आगाज करेंगे .
नया कप्तान , दृढ़ निश्चयी कोच,कुछ पुराने और कुछ नए खिलाड़ी अगले 45 दिनों तक एक नई कहानी लिखने को प्रतिबद्ध होंगे जब भारत शुक्रवार से एंडरसन-तेंतुलकर ट्रॉफी के लिए खेली जाने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरिज के पहले मैच में इंग्लैंड से भिड़ेगा . भारत अभी तक इंग्लैंड में तीन टेस्ट मैचों की सीरिज जीत पाया है . पहली जीत 1971 में अजीत वाडेकर , 1986 में कपिल देव और 2007 में राहुल द्रविड़ की अगुआई में यह उपलब्धि हासिल की . क्या अब शुभमन गिल इस सूची में अपना नाम शामिल कर पाएंगे.

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Toggleभारत और इंग्लैंड की यह सीरिज भारत के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं
यह इतना आसन नही होने वाला है की क्योंकि कई सीनियर खिलाड़ी इस सीरिज में नही है जैसे विराट कोहली ,रोहित शर्मा , रविचंद्रन अश्विन खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है टेस्ट से . इस समय भारतीय टीम बदलावों से गुजर रही है. इससे वह अनुभव के मामले में थोडा कमजोर नजर आती है .25 वर्षीय गिल के लिए यह सीरिज किसी अग्निपरीक्षा से कम नही होने वाली है , क्योंकि इंग्लैंड टीम में ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग और बेन स्टोक्स की कप्तानी में टेस्ट मैच की बल्लेबाजी की परम्पराओं को बदल दिया गया है . अब यह देखना दिलचस्प होगा की भारतीय टीम उनके आक्रमक रवैये का किस तरह से जवाब देती है .
IND vs ENG सीरिज में गिल को सावधान रहना होगा
भारत के 37वें टेस्ट के कप्तान के रूप में शुभमन गिल का चयन किया गया . उनको इस सीरिज में काफ़ी कुछ साबित करना है . असामान्य रूप से गर्म लीड्स (अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस हो सकता है ) और हेडिंग्ले की आठ मिमी से भरी 22 गज की पिच इंग्लैंड के लिए बहुत भाग्यशाली नही रही है इसलिए जो अच्छी बैटिंग बैटिंग करेगा उसकी जीत की सम्भावना ज्यादा है .
कागजों में इंग्लैंड का बल्लेबाजी का क्रम मजबूत है
टेस्ट क्रिकेट में 36 शतकों सहित 13,000 से अधिक रन बनाने वाले जो रूट की मौजूदगी में इंग्लैंड की बल्लेबाजी कागजों पर भारत की तुलना में बेहतर नजर आती है . भारतीय टीम में इस समय अनुभवी बल्लेबाज KL राहुल ( 58 टेस्ट 3257 रन ) और जसप्रीत बुमराह की अगुवाई वाला भरतीय गेंदबाजी भी आक्रमण इंग्लैंड की तुलना में मजबूत नजर आता है जिसे दोनों टीमों की स्थिति बराबर लगती है.

भारत की प्लेइंग 11 में किसे मिलेगा मौका
क्या गंभीर एक अतिरिक्त बल्लेबाज को खिलाएंगे और प्रतिभाशाली बी साई सुदर्शन को अपना पहला टेस्ट खेलने का मौका देंगे या फिर वह एक अतिरिक्त विशेषज्ञ बल्लेबाज की कमी की भरपाई के लिए नीतीश रेड्डी और शार्दुल ठाकुर जैसे ऑलराउंडर को खिलाएंगे। स्पिन विभाग में कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा में से किसी एक को खिलाने को लेकर टीम प्रबंधन का फैसला काफी दिलचस्प होगा। कुलदीप यहां की परिस्थितियों में सफल हो सकते हैं लेकिन जडेजा का विदेश में बल्लेबाजी रिकॉर्ड अच्छा रहा है। एक अन्य मुद्दा यह है कि क्या टी20 विशेषज्ञ अर्शदीप सिंह को परिस्थितियों के आधार पर तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में मौका दिया जाना चाहिए या फिर प्रसिद्ध कृष्णा को मौका मिलना चाहिए। एक और तेज गेंदबाज आकाशदीप हैं जो यहां की परिस्थितियों में बुमराह और मोहम्मद सिराज के आदर्श सहयोगी हो सकते है.
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