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ToggleBirthright citizenship panic: भारतीय गर्भवती महिलाओं की अमेरिका में ट्रंप की डेडलाइन से पहले पहुंचने की कोशिश
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) को खत्म करने की घोषणा ने भारतीय प्रवासियों और विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में गहरी चिंता उत्पन्न की है। यह नीति अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन द्वारा प्रदान की गई है, जो अमेरिकी धरती पर जन्म लेने वाले हर बच्चे को नागरिकता का अधिकार देती है, भले ही उनके माता-पिता की नागरिकता कोई भी हो।
जन्मसिद्ध नागरिकता क्या है?
अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता का मतलब यह है कि जो भी बच्चा अमेरिकी जमीन पर पैदा होता है, वह स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिक बन जाता है। यह नीति अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन का हिस्सा है, जिसे 1868 में लागू किया गया था। इसे अमेरिका की एक प्रमुख विशेषता के रूप में देखा जाता है, जो इसे कई अन्य देशों से अलग बनाती है।
हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने इसे खत्म करने का प्रस्ताव रखा, यह कहते हुए कि यह नियम विदेशी नागरिकों और गैर-कानूनी प्रवासियों द्वारा “दुरुपयोग” किया जा रहा है। उनका दावा था कि इसे समाप्त करने से अमेरिकी नागरिकता का मूल्य बढ़ेगा और अवैध प्रवासियों की संख्या कम होगी।
भारतीय प्रवासियों पर असर
ट्रंप के प्रस्ताव का सीधा असर उन भारतीय महिलाओं पर पड़ा जो गर्भवती थीं और चाहती थीं कि उनके बच्चे को अमेरिकी नागरिकता मिले।
गर्भवती महिलाओं की चिंता
- ट्रंप प्रशासन की घोषणा ने कई भारतीय गर्भवती महिलाओं को समय से पहले अमेरिका पहुंचने की कोशिश करने के लिए मजबूर किया।
- महिलाओं ने समय से पहले यात्रा की योजना बनाई, यहां तक कि आठवें या नौवें महीने में फ्लाइट्स बुक कीं।
- कुछ महिलाएं समय से पहले सिजेरियन (सी-सेक्शन) डिलीवरी कराने का प्रयास कर रही थीं ताकि वे ट्रंप की डेडलाइन से पहले अपने बच्चों को जन्म दे सकें।
बर्थ टूरिज्म का प्रभाव
“बर्थ टूरिज्म” एक ऐसा चलन बन गया, जहां गर्भवती महिलाएं अमेरिका में जाकर बच्चों को जन्म देकर नागरिकता हासिल करने की कोशिश करती थीं। यह प्रवृत्ति ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव के बाद तेजी से बढ़ी।
- वीजा सेवाओं, एजेंटों, और ट्रैवल कंसल्टेंट्स की मांग में तेजी आई।
- कुछ एजेंट्स ने गर्भवती महिलाओं को “स्पेशल पैकेज” ऑफर किए, जिसमें उनके ठहरने और चिकित्सा सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया।

समय से पहले डिलीवरी की चुनौती
स्वास्थ्य पर प्रभाव
- समय से पहले बच्चे को जन्म देने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे:
- बच्चे के फेफड़ों का पूरी तरह से विकसित न होना।
- जन्म के समय कम वजन।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं।
- मां के लिए सिजेरियन डिलीवरी के दौरान और बाद में जटिलताएं बढ़ सकती हैं।
डॉक्टर्स की राय
अमेरिका के विभिन्न अस्पतालों और क्लिनिक्स में डॉक्टरों ने समय से पहले डिलीवरी के मामलों में अचानक वृद्धि दर्ज की।
- न्यू जर्सी के एक डॉक्टर ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में उन्होंने 20 से अधिक महिलाओं से ऐसे अनुरोध सुने।
- टेक्सास में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बताया कि उन्हें दो दिनों में 15 से 20 कॉल्स मिलीं, जिसमें परिवारों ने जल्दी डिलीवरी कराने का अनुरोध किया।
https://youtu.be/eJT5W8SXlyc?si=57S5_gsnCEXHKA9g
नैतिक और कानूनी बहस
ट्रंप प्रशासन का तर्क
डोनाल्ड ट्रंप ने इस नीति को खत्म करने के लिए कई तर्क दिए:
- यह नीति गैर-कानूनी प्रवासियों को लाभ देती है।
- इससे अमेरिकी नागरिकता की “महत्ता” कम हो रही है।
- यह अमेरिकी संसाधनों पर बोझ डालती है।
आलोचकों की प्रतिक्रिया
इस प्रस्ताव की आलोचना कई कानूनी विशेषज्ञों और राजनेताओं ने की:
- भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने इसे असंवैधानिक बताया और कहा कि इसे लागू करना बेहद कठिन होगा।
- कई मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि यह प्रस्ताव अप्रवासियों के प्रति भेदभावपूर्ण है।
- आलोचकों का तर्क था कि यह नीति अमेरिकी समाज की बहुसंस्कृतिवाद की परंपरा के खिलाफ है।
संविधान और कानून की स्थिति
अमेरिकी संविधान का 14वां संशोधन ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव को लागू करने में एक बड़ी बाधा है।
- इसे बदलने के लिए न केवल राष्ट्रपति की सहमति बल्कि कांग्रेस और अदालतों का समर्थन भी आवश्यक होगा।
- विशेषज्ञों का मानना है कि इस नीति को लागू करने में कई साल लग सकते हैं, और यह कानूनी लड़ाई में उलझ सकती है।
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भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया
ग्रीन कार्ड और वीजा की समस्या
अमेरिका में रहने वाले भारतीय प्रवासी, खासकर एच-1बी वीजा धारक, पहले ही ग्रीन कार्ड की लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना कर रहे हैं।
- कई परिवारों ने कहा कि जन्मसिद्ध नागरिकता उनके बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का एकमात्र तरीका है।
- एक महिला ने कहा, “हम छह साल से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे हैं। हमारे बच्चे का नागरिक होना हमारे परिवार की स्थिरता सुनिश्चित करेगा।”
समुदाय में डर और अनिश्चितता
इस प्रस्ताव ने भारतीय समुदाय में डर और अनिश्चितता पैदा कर दी।
- कई लोग चिंतित हैं कि यह नीति उनके बच्चों और परिवारों के जीवन को कैसे प्रभावित करेगी।
- प्रवासी परिवारों ने इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन भी किए।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
अस्पतालों पर दबाव
- समय से पहले डिलीवरी और “बर्थ टूरिज्म” ने अमेरिकी अस्पतालों पर अतिरिक्त दबाव डाला।
- अस्पतालों ने गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं करनी शुरू कीं।
वीजा नीति पर असर
- अमेरिकी वीजा नीति में संभावित बदलाव ने उन महिलाओं को और अधिक चिंतित किया, जो पहले से अमेरिका में थीं।
- नए वीजा आवेदकों को भी सख्त प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ा।
सामाजिक प्रभाव
- यह प्रस्ताव अमेरिका में रहने वाले भारतीय समुदाय और अन्य अप्रवासी समूहों में अस्थिरता का कारण बना।
- इसे समाज में विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कदम के रूप में देखा गया।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा जन्मसिद्ध नागरिकता को खत्म करने की कोशिश ने न केवल कानूनी और नैतिक विवाद खड़ा किया, बल्कि यह भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए एक गंभीर चुनौती बन गई।
गर्भवती महिलाओं और उनके परिवारों ने अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जोखिम भरे निर्णय लिए, जिससे उनकी स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति पर गहरा असर पड़ा।
यह मुद्दा केवल एक नीति बदलाव तक सीमित नहीं है; यह उन मूल्यों और सिद्धांतों पर सवाल उठाता है, जिन पर अमेरिका का निर्माण हुआ है।
आखिरकार, यह बहस इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि कैसे एक कानून में बदलाव पूरी दुनिया में लाखों लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित कर सकता है।