Budget Expectations : मोबाइल सस्ता… पेट्रोल-डीजल के घटेंगे दाम? बजट में हो सकते हैं ये 7 बिग ऐलान – LATEST 2025

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बजट क्या होता है?
बजट एक वित्तीय योजना होती है, जिसमें किसी सरकार, व्यक्ति या संगठन की आय (income) और व्यय (expenditure) का अनुमान लगाया जाता है। यह योजना किसी विशेष अवधि (आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष) के लिए बनाई जाती है, जिससे आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

भारत में संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, केंद्र सरकार हर वर्ष संसद में वार्षिक बजट (Union Budget) पेश करती है, जिसे आम बजट (Annual Financial Statement) भी कहा जाता है। यह बजट सरकार की नीतियों, कार्यक्रमों और वित्तीय प्राथमिकताओं का संकेत देता है।

भारत में बजट का महत्व

भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में बजट केवल वित्तीय दस्तावेज नहीं होता, बल्कि यह देश की आर्थिक और सामाजिक नीति का महत्वपूर्ण आधार होता है।

बजट से देश के विभिन्न वर्गों को कई तरह के लाभ होते हैं, जैसे:

  • सामान्य नागरिकों को टैक्स में राहत मिलती है।
  • किसानों को कृषि से जुड़ी नई योजनाएँ मिलती हैं।
  • युवाओं को रोजगार और शिक्षा से जुड़ी सुविधाएँ मिलती हैं।
  • उद्योगों को आर्थिक सहयोग और निवेश के अवसर मिलते हैं।
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कैसे तैयार किया जाता है भारतीय बजट?

भारत सरकार का बजट तैयार करने की प्रक्रिया कई चरणों में पूरी होती है:

  1. विभिन्न मंत्रालयों से सुझाव मांगे जाते हैं।
  2. वित्त मंत्रालय डेटा और रिपोर्ट्स का विश्लेषण करता है।
  3. प्रधानमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के साथ चर्चा होती है।
  4. बजट दस्तावेज तैयार किया जाता है और संसद में पेश किया जाता है।
  5. लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा और बहस के बाद इसे मंजूरी दी जाती है।

भारतीय बजट के प्रमुख घटक

भारतीय बजट को दो भागों में विभाजित किया जाता है:

1. राजस्व बजट (Revenue Budget)

इसमें सरकार की आय और खर्च का विवरण दिया जाता है। राजस्व बजट दो भागों में बँटा होता है:

  • राजस्व प्राप्तियाँ (Revenue Receipts) – इसमें करों (Tax Revenue) और गैर-कर स्रोतों से होने वाली आमदनी शामिल होती है।
  • राजस्व व्यय (Revenue Expenditure) – इसमें सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, सब्सिडी और कल्याणकारी योजनाओं पर होने वाले खर्च शामिल होते हैं।

2. पूंजीगत बजट (Capital Budget)

इसमें सरकार के दीर्घकालिक निवेश और वित्तीय प्रबंधन से जुड़े फैसले होते हैं। पूंजीगत बजट के दो भाग होते हैं:

  • पूंजीगत प्राप्तियाँ (Capital Receipts) – इसमें ऋण (loans), सरकारी संपत्ति की बिक्री और अन्य वित्तीय स्रोत शामिल होते हैं।
  • पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) – इसमें सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, अस्पताल, स्कूल और अन्य बुनियादी ढाँचे के निर्माण से जुड़ा खर्च होता है।

बजट से जुड़ी प्रमुख अपेक्षाएँ

1. महंगाई नियंत्रण (Inflation Control)

हर साल नागरिकों की मुख्य चिंता महंगाई होती है। सरकार बजट के जरिए कई उपाय करती है, जिससे महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।

  • सब्सिडी बढ़ाना (जैसे LPG, खाद्य पदार्थों पर छूट देना)
  • ब्याज दरों को स्थिर रखना
  • वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें नियंत्रित करना

2. कर राहत (Tax Relief)

लोग उम्मीद करते हैं कि सरकार आयकर (Income Tax) की सीमा बढ़ाएगी और उन्हें कर में छूट मिलेगी।

  • आयकर स्लैब में बदलाव
  • GST दरों में कटौती
  • वरिष्ठ नागरिकों और मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत

3. रोजगार और स्वरोजगार के अवसर (Employment & Entrepreneurship)

युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार नए सेक्टर में निवेश करती है और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देती है।

  • “Make in India” और “Startup India” जैसी योजनाएँ
  • नई नौकरियों के अवसर
  • लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) को आर्थिक सहायता

4. इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास योजनाएँ (Infrastructure Development)

सरकार सड़कें, रेलवे, एयरपोर्ट, और डिजिटल सेवाओं के विकास के लिए बजट में विशेष आवंटन करती है।

  • स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
  • हाईवे और रेलवे नेटवर्क विस्तार
  • ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाना

5. सामाजिक कल्याण योजनाएँ (Social Welfare Schemes)

सरकार बजट में गरीबों, किसानों, महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएँ लाती है।

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY)
  • आयुष्मान भारत (स्वास्थ्य बीमा)
  • उज्ज्वला योजना (LPG गैस कनेक्शन)
  • किसानों के लिए Kisan Samman Nidhi योजना

6. रक्षा बजट (Defence Budget)

भारत की सुरक्षा के लिए रक्षा बजट बहुत महत्वपूर्ण होता है।

  • सेना के आधुनिकीकरण पर खर्च
  • रक्षा अनुसंधान और उत्पादन में आत्मनिर्भरता
  • सीमा सुरक्षा और साइबर सुरक्षा पर निवेश

भारत के बजट 2025 से अपेक्षाएँ

हर साल बजट से नागरिकों को कई उम्मीदें होती हैं। 2025 के बजट से निम्नलिखित अपेक्षाएँ हैं:

  • आयकर में और राहत
  • महंगाई पर नियंत्रण के लिए नई नीतियाँ
  • रोजगार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ
  • कृषि क्षेत्र के लिए और अधिक सब्सिडी
  • इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च

बजट से जुड़ी सामान्य शंकाएँ और समाधान

करदाताओं के लिए कौन-कौन सी कर छूट उपलब्ध होगी?

  • बजट के अनुसार, सरकार विभिन्न स्लैब में टैक्स छूट प्रदान कर सकती है।

बजट से महंगाई कैसे प्रभावित होती है?

  • यदि सरकार सब्सिडी बढ़ाती है और टैक्स कम करती है, तो महंगाई नियंत्रित रहती है।

क्या बजट का असर शेयर बाजार पर भी पड़ता है?

  • हाँ, बजट में घोषित नीतियों का असर शेयर बाजार पर सकारात्मक या नकारात्मक रूप से पड़ता है।

बजट में किसानों को क्या लाभ मिलता है?

  • सरकार कृषि योजनाएँ, कर्ज माफी और सब्सिडी के रूप में किसानों को सहायता प्रदान करती है।

निष्कर्ष

बजट केवल आय और व्यय का विवरण नहीं होता, बल्कि यह देश की आर्थिक दिशा को निर्धारित करने वाला महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। सही बजट नीति से देश की आर्थिक वृद्धि दर (GDP Growth) को बढ़ावा मिलता है, महंगाई नियंत्रित होती है, और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।

क्या आपको भारत के नवीनतम बजट 2025 की विस्तृत जानकारी चाहिए? मैं अभी इसे खोज सकता हूँ।

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