what is carbon credit Trading? |Carbon trading kya hai ?
कार्बन ट्रेडिंग एक ऐसा आर्थिक और पर्यावरणीय तंत्र है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित और कम करना है। यह प्रणाली “कार्बन क्रेडिट” के आदान-प्रदान पर आधारित है। कार्बन क्रेडिट एक प्रकार का प्रमाण-पत्र है, जो दर्शाता है कि किसी कंपनी या देश ने कितनी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) या अन्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को रोका है। यह प्रणाली मुख्य रूप से दो तरीकों पर आधारित है: कैप-एंड-ट्रेड और कार्बन ऑफसेट।
Table of Contents
Toggleकैप-एंड-ट्रेड प्रणाली
कैप-एंड-ट्रेड सिस्टम में सरकारें या अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं एक निश्चित सीमा (कैप) निर्धारित करती हैं कि कंपनियां या उद्योग अधिकतम कितनी ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित कर सकते हैं। प्रत्येक कंपनी को कार्बन उत्सर्जन की एक निश्चित सीमा दी जाती है। यदि कोई कंपनी अपनी तय सीमा से कम उत्सर्जन करती है, तो वह अपने अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट को बेच सकती है। इसके विपरीत, अगर कोई कंपनी अपनी सीमा से ज्यादा उत्सर्जन करती है, तो उसे अन्य कंपनियों से कार्बन क्रेडिट खरीदने पड़ते हैं।
इस प्रक्रिया से कंपनियों को प्रोत्साहन मिलता है कि वे अपनी उत्पादन प्रक्रिया को अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनाएं ताकि अतिरिक्त क्रेडिट बेचकर लाभ कमा सकें। साथ ही, अधिक उत्सर्जन करने वाली कंपनियों को आर्थिक दंड का सामना करना पड़ता है।
कार्बन ऑफसेट प्रणाली
कार्बन ऑफसेट एक अन्य तरीका है, जिसमें कंपनियां या व्यक्ति अपने उत्सर्जन को “समतुल्य” (offset) करने के लिए पर्यावरणीय परियोजनाओं में निवेश करते हैं। उदाहरण के लिए:
- पेड़ लगाना (Afforestation/Reforestation): पेड़ वातावरण से CO₂ को अवशोषित करते हैं, जिससे उत्सर्जन कम होता है।
- नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा या बायोगैस जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाता है।
- जंगलों का संरक्षण: जंगलों को संरक्षित करके कार्बन सिंक को बनाए रखा जाता है।
कार्बन ऑफसेट के माध्यम से कंपनियां अपने पर्यावरणीय कर्तव्यों को पूरा करती हैं और वैश्विक स्तर पर ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में मदद करती हैं।
कार्बन ट्रेडिंग का महत्व
- पर्यावरणीय संतुलन: कार्बन ट्रेडिंग के जरिए कंपनियों को उत्सर्जन कम करने के लिए प्रेरित किया जाता है, जिससे ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के खतरे को रोका जा सकता है।
- आर्थिक प्रोत्साहन: कंपनियों को अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट बेचने का लाभ मिलता है, जिससे वे अपनी तकनीकों को बेहतर और स्वच्छ बनाने के लिए निवेश कर सकती हैं।
- विकासशील देशों को लाभ: कार्बन ऑफसेट परियोजनाओं के अंतर्गत विकासशील देशों में निवेश होता है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ते हैं और पर्यावरण संरक्षण को बल मिलता है।
निष्कर्ष
कार्बन ट्रेडिंग एक महत्वपूर्ण प्रणाली है, जो बाजार आधारित समाधान प्रदान करके जलवायु संकट का मुकाबला करती है। यह प्रणाली पर्यावरण को संतुलित रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास के नए अवसर भी पैदा करती है। इसके अंतर्गत ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को एक “मूल्य” दिया जाता है, ताकि कंपनियां इसे गंभीरता से लें और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझें।
दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्बन ट्रेडिंग एक प्रभावी कदम साबित हो रहा है। हालांकि, इसके सही क्रियान्वयन और निगरानी की आवश्यकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वैश्विक उत्सर्जन में वास्तविक कमी हो रही है और पर्यावरणीय लक्ष्यों को समय पर पूरा किया जा सके।
What are carbon market? कार्बन बाजार क्या है?
कार्बन बाजार उत्सर्जन को कम करने के समग्र उद्देश्य के साथ कार्बन क्रेडिट के व्यापार की अनुमति देते है ।
ये बाजार उत्सर्जन को कम करने या ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए प्रोत्साहन देते है।
Energy Conservation ( Amendment) Act, 2022
ऊर्जा संरक्षण ( संशोधन ) अधिनियम, २०२२
यह ऊर्जा संरक्षण अधिनियम २००१ में संशोधन करता है। 2001 अधिनियम ऊर्जा के कुशल और प्रभावी उपयोग के साथ – साथ इसके संरक्षण के इरादे से बनाया गया था । इसका उद्देश्य बड़ी आवासीय इमारतों को ऊर्जा संरक्षण व्यव्यस्था के दायरे में लाना है; यह दंड प्रावधानों में संशोधन करता है।
अधिनियम के दो प्रमुख उद्देश्य
इसका उद्देश्य औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय उपभोगताओं के एक विशिष्ट समूह के लिए हरित ऊर्जा का उपयोग अनिवार्य करना है ।
इसका उद्देश्य राष्ट्रीय कार्बन बाजार बनाना और कार्बन क्रेडिट के व्यापार को आसान बनाना हैं।
Carbon credid Treding in indin| भारत में कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग
विधेयक केंद्र सरकार को कार्बन क्रेडिट के व्यापार के लिए एक प्रणाली बनाने का अधिकार देता है ।
कार्बन क्रेडिट द्वारा एक निश्चित मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करने की व्यापार योग्य अनुमति निहित होती है
ऊर्जा दक्षता ब्योरो ( BEE) व्यापारिक योजनाओं और नीतियों के बारे में सिफारिशें करेगा ।
Bureau of Energy| ऊर्जा दक्षता ब्योरो
ऊर्जा दक्षता ब्योरो विद्युत मंत्रालय के अधीन भारत सरकार की एक एजेंसी है।
इसे 2001 ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मार्च 2002 में बनाया गया था।
विजन = भारतीय अर्थव्यवस्था की ऊर्जा तीव्रता में करना जिससे देश के सतत विकास में योगदान हो सके।
Why Carbon trading is the need of your? कार्बन ट्रेडिंग समय की मांग क्यों है?
- उत्सर्जन में कमी के लिए आर्थिक प्रोत्साहन
- लागत प्रभावी दृष्टिकोण
- नवाचार को बढ़ावा देता है
- वैश्विक सहयोग
- आर्थिक संवृधि
- वैश्विक नेतृत्व
watch this – Rashid khan : https://youtu.be/0TpGuv2ZEjs