Cyber Apradh Kya Hai : वर्तमान में साइबर फ्रोड के जाल में हर दिन कोई न कोई फंस रहा है. साइबर फ्रोड का लोग किस तरह शिकार हो रहे है, इसके हर साल बढ़ते मामलों से आप समझ सकते है .साल 2024 में NCRP पर 19.18 लाख शिकायतें साइबर क्राइम की आई थी,और इस साल लोगों ने 22,182 करोड़ रूपये साइबर फ्रोड में गंवा दिए और ये आकंडा 2023 के मुकाबले तीन गुना है.
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Toggleसाइबर अपराध क्या है? Cyber Apradh Kya Hai?
साइबर अपराध का मतलब है — कंप्यूटर, इंटरनेट या किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके अवैध गतिविधियाँ करना। इसमें किसी व्यक्ति, संस्था या सरकार को नुकसान पहुँचाने वाली ऑनलाइन हरकतें शामिल होती हैं।
साइबर क्राइम के मामलें हमें हर रोज देखने को मिलते हैं. आजकल स्कैमर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए नए-नए तरीकोण का इस्तेमाल करते है . अगर देश में आकंड़ों की बात करे तो साल 2024 में 22811.95 करोड़ रूपये की ठगी की गई थी, लोगों की मेहनत का पैसा साइबर अपराधियों ने उड़ा लिया था. जो एक बहुत बड़ी रकम है.

इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर I4C के मुताबिक,साल 2024 में NCRP पर 19.18 लाख शिकायतें दर्ज की गई थी. ये सारी शिकायतें साइबर अपराध से जुडी हुए थी,जिसमें लोगों ने अपनी मेहनत के 22811.95 करोड़ रूपये गंवा दिए थे . इससे भारत दुनिया के सबसे ज्यादा साइबर क्राइम का शिकार होने वाले देशों में शामिल हो जाता है .
साल दर साल साइबर अपराध देश में बढ़ रहे है
भारत में साल दर साल साइबर अपराध के आकंडे बढ़ रहे है GIREM की रिपोर्ट के अनुसार,भारत में मैलवेयर अटैक्स में 11 फीसदी, रैनसमवेयर में 22 परसेंट IoT अटैक्स में 59 % और क्रिप्टो हमलों में कुल 409 % की चौंका देने वाली बढ़ोतरी देखने को मिली.
साल 2023 में देश में साइबर क्राइम की 15.56 लाख शिकायतें दर्ज की गई थी. जो साल 2024 में बढ़कर 19.18 लाख हो गई थी. इनमें ज्यादातर केस पैसें से जुड़े मामलों के है. साल 2023 में भारतीयों ने 74 96 करोड़ रूपये गंवाए जबकि साल 2022 में लोगों ने 2306 करोड़ रूपये गंवाए थे .
GIREM की रिपोर्ट्स की माने तो साल 2024 में हुए फिशिंग हमलों में 82.6 फीसदी AI जनरेटेड है,जबकि हल फिलहाल में QR कोड बेस्ड साइबर अपराधों के मामलों की संख्या बढ़ी है.
साइबर अपराध कैसे होता है ?
साइबर अपराध को अपराधी अंजाम देने के लिए लोगों के फर्जी पोस्टर्स,वॉट्सऐप मैसेज और लिंक का इस्तेमाल लोगों को टारगेट करने के लिए करते है,जिसमें यूजर्स एक बार QR कोड को स्कैन कर ले . कोड स्कैन होने के बाद पीड़ित एक फर्जी UPI पेमेंट पर पहुँचते हैं, जहां से उनके बैंकिंग डेटा को चुरा लिया जाता है. इस तरीके का इस्तेमाल भारत में बड़ी संख्या में हो रहा है. साइबर अपराध में सिर्फ QR कोड स्कैन नहीं बल्कि कई दूसरे तरीकों से भी लोगों को फंसा रहे है,जैसे फर्जी पुलिस बनने से लेकर डिजिटल अरेस्ट तक तमाम तरीकों को इस्तेमाल लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए साइबर अपराधी कर रहे है. इस तरह के अपराधों का शिकार कोई भी सख्श हो सकता है.
आपके साथ भी हो सकता है साइबर अपराध ,रखें इन बातों का ज़रूर ध्यान
साइबर वर्ल्ड में कोई भी फ्रॉड का शिकार हो सकता है. वर्तमान का समय ऑनलाइन का है ,हर कदम पर आपको साइबर ठगों ने जाल बिछा रखा है . ऐसे में आपकी जागरूकता ही आपको इस दुनिया में सुरक्षित रख सकती है. साइबर वर्ल्ड में आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे -:

- किसी दूसरे से अपने OTP,बैंकिंग डिटेल्स और पस्स्वोर्ड्स शेयर न करना.
- अपनी पर्सनल डिटेल्स को किसी से भी शेयर न करना .
- ज्यादा प्रॉफिट के लिए अनजान ऐप्स को डाउनलोड नहीं करना चाहिए.
- वॉट्सऐप पर भी ठगी का शिकार हो सकते है आप ,इसलिए किसी अनजान शख्स से चैट न करते समय सावधान रहे.
- डिजिटल अरेस्ट या पुलिस के नाम पर अगर कोई आपको डराता है, तो बिना डरे ऐसे मामलों की रिपोर्ट करें .
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