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Global Hunger Index 2024| Latest news

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024(Global Hunger Index 2024): वैश्विक भूख की चुनौतियों का विश्लेषण

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 (Global Hunger Index 2024) एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट है जो विश्वभर में भूख की स्थिति को मापने और उसके समाधान की दिशा में उठाए गए कदमों का मूल्यांकन करती है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य उन देशों की पहचान करना है जहाँ खाद्य असुरक्षा और कुपोषण एक गंभीर समस्या है, साथ ही उन नीतियों की सिफारिश करना है जो इस संकट से निपटने में सहायक हो सकती हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 मानव विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय के लिए भी आवश्यक है, क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा की मौजूदा स्थिति का मापन करता है और इस पर आधारित निर्णय लेने में मदद करता है।


ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है?(what is Global Hunger Index )

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (Global Hunger Index – GHI) एक वार्षिक रिपोर्ट है जिसे Concern Worldwide और Welthungerhilfe नामक संस्थाओं द्वारा प्रकाशित किया जाता है। इसका उद्देश्य विश्वभर में कुपोषण, भूख और खाद्य असुरक्षा की स्थिति का मापन और विश्लेषण करना है। यह इंडेक्स चार प्रमुख घटकों के आधार पर देशों को रैंक करता है:

  1. कुपोषण (Undernourishment): देश की आबादी में कुपोषण की दर।
  2. बाल अल्पवजन (Child Wasting): 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में उनकी लंबाई के अनुपात में कम वजन।
  3. बाल अवरुद्ध विकास (Child Stunting): 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में उनकी उम्र के अनुपात में कम लंबाई।
  4. बाल मृत्यु दर (Child Mortality): 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर।

इन घटकों के आधार पर देशों को 0 से 100 के पैमाने पर रैंक किया जाता है, जहाँ 0 सर्वोत्तम प्रदर्शन (कोई भूख नहीं) और 100 सबसे खराब स्थिति को दर्शाता है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024( Global Hunger Index 2024) इसी प्रणाली के आधार पर भूख और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति की निगरानी करता है।


ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 की प्रमुख विशेषताएँ

1. रैंकिंग और स्कोरिंग प्रणाली

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 (Global Hunger Index 2024) में देशों को उनके प्रदर्शन के आधार पर स्कोर दिए गए हैं। इस रिपोर्ट में उन देशों की रैंकिंग की जाती है जो गंभीर, खतरनाक, या अत्यधिक खतरनाक स्तर की भूख का सामना कर रहे हैं। कुछ देशों में स्थिति बेहद चिंताजनक है, जबकि कुछ देशों ने भूख को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

2. भारत का प्रदर्शन

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में भारत का प्रदर्शन चिंता का विषय बना हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में, भारत ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों के माध्यम से कुपोषण और भूख को कम करने का प्रयास किया है, लेकिन इसके बावजूद, स्थिति उतनी सुधरी नहीं है जितनी उम्मीद की जा रही थी। 2024 में भी भारत को भूख और कुपोषण से निपटने के लिए और सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

भारत में बाल कुपोषण की समस्या विशेष रूप से चिंताजनक है। बाल अवरुद्ध विकास (Child Stunting) और बाल अल्पवजन (Child Wasting) के आंकड़े उच्च हैं, जो यह दर्शाता है कि बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पा रहा है। सरकार की कई योजनाएँ जैसे मिड-डे मील और पोषण अभियान ने कुछ हद तक सुधार किया है, लेकिन

3. दुनिया के अन्य देशों की स्थिति

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में दुनिया के कुछ अन्य देशों में भी भूख की स्थिति गंभीर बनी हुई है। अफ्रीका के कुछ देश जैसे नाइजीरिया, सोमालिया, और इथियोपिया में स्थिति अत्यधिक खतरनाक है। वहीं, दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ देशों में भी भूख और कुपोषण के मामले चिंताजनक हैं।

दूसरी ओर, यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों ने भूख को लगभग समाप्त कर दिया है। इन देशों में खाद्य सुरक्षा के स्तर में सुधार हुआ है और यहां कुपोषण की दरें बेहद कम हैं। यह अंतर यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर भूख की समस्या एक असमान समस्या है, जो विकसित और विकासशील देशों में अलग-अलग रूप लेती है।


ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 ( Global Hunger Index 2024) के मुख्य कारण

  1. खाद्य असुरक्षा:
  1. गरीबी और असमानता:
  1. जलवायु परिवर्तन:
  1. सशस्त्र संघर्ष और युद्ध:

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 के समाधान

1. सरकार की भूमिका

2. अंतर्राष्ट्रीय सहायता

3. जलवायु परिवर्तन से निपटना

4. सशस्त्र संघर्षों का समाधान


ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 और भारत का भविष्य

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिससे वह अपने कुपोषण और खाद्य सुरक्षा से संबंधित नीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर सकता है। देश को अपने कृषि उत्पादन में सुधार करना होगा और पोषण सुरक्षा की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

पोषण अभियान, मिड-डे मील योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाएँ पहले से ही चल रही हैं, लेकिन इनका प्रभाव तब तक व्यापक नहीं होगा जब तक कि इन योजनाओं को स्थानीय स्तर पर और अधिक प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जाता। साथ ही, सरकार को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हर बच्चे को सही पोषण मिले, ताकि बाल अल्पवजन और बाल अवरुद्ध विकास की समस्या को समाप्त किया जा सके।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2014 में दुनिया की स्थिति क्या थी?


निष्कर्ष

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 ने एक बार फिर से यह सिद्ध किया है कि भूख और कुपोषण आज भी वैश्विक चुनौतियाँ बनी हुई हैं। भारत और अन्य विकासशील देशों को अपनी खाद्य सुरक्षा नीतियों में सुधार लाने की आवश्यकता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करने की ज़रूरत है कि हर व्यक्ति को पर्याप्त और पोषक भोजन मिले। जब तक भूख से लड़ने के लिए सशक्त कदम नहीं उठाए जाते, तब तक समृद्धि और विकास के लक्ष्य अधूरे रहेंगे।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 न केवल एक चेतावनी है, बल्कि यह हमें

यह अवसर भी देता है कि हम भूख के खिलाफ अपनी लड़ाई में और अधिक दृढ़ता और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें।

FAQs: ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024

1. ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) क्या है?

2. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में भारत का प्रदर्शन कैसा है?

3. GHI स्कोर कैसे मापा जाता है?

4. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में शामिल प्रमुख देश कौन से हैं?

5. भारत में भूख की समस्या के मुख्य कारण क्या हैं?

6. भारत में बाल कुपोषण की स्थिति कैसी है?

7. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 के अनुसार भूख से निपटने के लिए कौन से कदम उठाए जा सकते हैं?

8. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में जलवायु परिवर्तन का क्या प्रभाव है?

9. क्या ग्लोबल हंगर इंडेक्स के अनुसार सभी देशों की भूख की स्थिति समान है?

10. ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2024 में सुधार के लिए भारत क्या कदम उठा सकता है?

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