Operation Mahadev Kya Hai ? : ऑपरेशन महादेव में भारतीय सेना ने ,जम्मू-कश्मीर पुलिस और साथ में सीआरपीएफ तीनों ने मिलकर तीन आतंकवादियों को मार गिराया.ऑपरेशन महादेव पहलगाम हमले के जवाब में चलाया गया था जिसमें 26 बेगुनाहों की जान ली गई थी आतंकवादियों के द्वारा.
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Operation Mahadev: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में डचिगम नेशनल पार्क के पास हरवान क्षेत्र में सोमवार(28 जुलाई) को भारतीय सेना ने ऑपरेशन महादेव के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF की संयुक्त कार्रवाई में तीन आतंकवादियों को मार गिराया. यह ऑपरेशन पहलगाम के जवाब में शुरू किया गया था. जिसमें 26 लोगों की जान ली गई थी. मारे गए लोगों में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल था.

सूत्रों के अनुसार मारे गए तीनों आतंकवादियों का संबंध पहलगाम हमले से था. और इस ऑपरेशन में उन्हें मार गिराया गया. इस ऑपरेशन का नाम भगवान शिव के सम्मान में महादेव रखा. जो कश्मीर में सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व रखते है .
ऑपरेशन का आधार और शुरुआत
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर जानकारी दी कि हरवान के मुलनार क्षेत्र में खुफिया सूचना के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया. दो दिन पहले डचिगम जंगल में संधिग्ध संचार की ट्रैकिंग और स्थानीय खानाबदोशों से मिली जानकारी के बाद यह कार्रवाई शुरू की. इस ऑपरेशन के दौरान लिडवास क्षेत्र में आतंकवादियों के साथ सम्पर्क स्थापित हुआ और दो बार गोलीबारी की आवाजें सूनी. सुरक्षा बालों ने इलाके को घेर लिया और सघन तलाशी अभियान में तीन आतंकवादियों को ढेर किया.
पहलगाम हमले का संदर्भ
पहलगाम हमला जिसे लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने अंजाम दिया था. बाइसारन घाटी में हुआ था, जिसे जिसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से जाना जाता है. इस हमले में कश्मीर घाटी में पर्यटन और शांति की बहाली के प्रयासों को झटका दिया. इसके जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. जिसमें पकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया.
ऑपरेशन महादेव को इसकी निरन्तरता के रूप में देखा जा रहा है,इसका उद्देश्य आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को पूरी तरह खत्म करना है.
Operation Mahadev नाम क्यों रखा?
ऑपरेशन महादेव का नाम भगवान शिव के नाम पर रखा गया है, जो कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और आध्यात्मिकता का प्रतीक है. यह नाम आतंकवादियों के खिलाफ दृढ़ संकल्प और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है. इस ऑपरेशन में मारे गए आतंकवादियों में दो पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ता थे, जिनमें से एक की पहचान मूसा के रूप की गई है. ऑपरेशन में ड्रोन का उपयोग कर आतंकवादियों के शवों को बरामद किया गया. आतंकवादियों को लॉजिस्टिक समर्थन दे रहे स्थानीय लोगों को भी हिरासत में लिया गया.
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