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Today news israel attack on iran (Cyber attack targets Iran’s nuclear infrastructure, communication network)
यरूशलेम:
इजराइल ने शनिवार तड़के ईरान पर पलटवार किया, उसकी सेना ने कहा कि वह इजराइल पर तेहरान के हमलों के जवाब में सैन्य ठिकानों पर हमले कर रही है।
1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए बैलिस्टिक-मिसाइल बैराज के लिए इजरायली जवाबी कार्रवाई की आशंका से मध्य पूर्व खतरे में है, जिसमें इजरायल पर लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं, छह महीने में ईरान का इजरायल पर दूसरा सीधा हमला।
why is iran attack on israel
2 अक्टूबर 2024 को ईरान ने इज़राइल पर एक बड़ा मिसाइल हमला किया। यह हमला हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह और अन्य ईरानी सहयोगियों की हत्या के जवाब में किया गया। लगभग 200 मिसाइलें तेल अवीव और यरूशलम जैसे प्रमुख शहरों की ओर दागी गईं। इज़राइल की हवाई सुरक्षा प्रणाली ने इनमें से कई मिसाइलों को रोकने की कोशिश की, फिर भी कुछ नुकसान और हताहत हुए हैं। इस हमले ने ईरान और इज़राइल के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष मध्य पूर्व का सबसे जटिल और लंबे समय से चलने वाला भू-राजनीतिक विवाद है, जो ऐतिहासिक, वैचारिक और रणनीतिक कारणों पर आधारित है।
ईरान और इज़राइल संघर्ष:ऐतिहासिक जड़े और वर्तमान चुनौतियां
ईरान-इज़राइल विवाद: वैचारिक मतभेद और प्रॉक्सी युद्ध
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
1979 में ईरानी क्रांति के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ। इससे पहले, ईरान और इज़राइल के बीच अच्छे संबंध थे, लेकिन क्रांति के बाद ईरान की नई इस्लामी सरकार ने इज़राइल को वैध राष्ट्र मानने से इनकार कर दिया और फिलिस्तीनियों के समर्थन में इज़राइल के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया।
प्रॉक्सी समूहों का समर्थन
ईरान, इज़राइल के खिलाफ सीधे युद्ध के बजाय प्रॉक्सी समूहों जैसे हिज़्बुल्लाह और हमास को समर्थन देता है। हिज़्बुल्लाह, 1980 के दशक में ईरान द्वारा स्थापित एक शिया आतंकवादी संगठन है, जो लेबनान में इज़राइल के खिलाफ गतिविधियों में शामिल है। हमास, जो गाजा में सक्रिय है, सुन्नी समूह होने के बावजूद ईरान का समर्थन प्राप्त करता है। इन दोनों समूहों का उद्देश्य इज़राइल को नष्ट करना है।
क्षेत्रीय भू-राजनीति
ईरान और इज़राइल के बीच तनाव क्षेत्रीय प्रभाव के लिए होड़ से भी बढ़ता है। सीरियाई गृहयुद्ध में ईरान की भागीदारी, यमन और इराक में उसकी गतिविधियों ने इज़राइल के लिए सुरक्षा खतरा पैदा कर दिया है। ईरान के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए इज़राइल ने सीरिया में ईरानी ठिकानों पर कई हवाई हमले किए हैं।
परमाणु मुद्दा
ईरान का परमाणु कार्यक्रम इज़राइल के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इज़राइल को डर है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है, जिससे इज़राइल की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। हालांकि ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इज़राइल और अन्य पश्चिमी देश इसे अविश्वसनीय मानते हैं।
हाल के तनाव
2020 में अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरानी जनरल क़ासिम सुलेमानी की हत्या से तनाव और बढ़ गया। इसके बाद, 2021 में हमास और इज़राइल के बीच संघर्ष हुआ, जिसमें ईरान ने हमास को समर्थन दिया। अक्टूबर 2023 में, हमास ने ईरान के समर्थन से इज़राइल पर बड़े पैमाने पर हमला किया, जिससे हज़ारों इज़राइली मारे गए। इसके जवाब में, इज़राइल ने सीरिया में ईरानी ठिकानों पर हमले शुरू किए।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका
अमेरिका इज़राइल का सबसे बड़ा समर्थक है, जबकि ईरान को रूस और चीन का समर्थन प्राप्त है। इस संघर्ष को सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कई प्रयास किए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।
समाधान की संभावना
Is Iran Israel war affect the stock market?
ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध का वैश्विक वित्तीय बाजार, विशेषकर स्टॉक मार्केट पर महत्वपूर्ण असर हो सकता है। इस संघर्ष से तेल और गैस की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे ऊर्जा की कीमतें बढ़ेंगी, जो वैश्विक आर्थिक अस्थिरता को जन्म दे सकती हैं। मध्य पूर्व क्षेत्र में होने वाला संघर्ष निवेशकों के बीच अनिश्चितता बढ़ाता है, जिसके कारण शेयर बाजार में गिरावट और अस्थिरता देखी जाती है। इसके अलावा, वैश्विक व्यापार पर भी असर पड़ सकता है, जिससे विभिन्न सेक्टरों में जोखिम बढ़ सकता है।
क्या समाधान की संभावना है?
ईरान और इज़राइल दोनों ही अपने अपने रुख पर अड़े हुए हैं, जिससे शांति की संभावना कम है। इज़राइल अपनी सुरक्षा के लिए ईरान के परमाणु हथियारों के विकास को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, जबकि ईरान अपनी प्रॉक्सी ताकतों के माध्यम से इज़राइल का विरोध जारी रखे हुए है।
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